गर्मी का चिलचिलाता प्रकोप सभी के लिए चिंता की बात है, लेकिन जो लोग ब्लू-कॉलर नौकरी करते है उनके लिए यह बहुत ही ज्यादा कठिन होता है। नौकारीपैशा लोगों को हमारे देश की रीढ़ भी कहा जाता है और देश को सही और अच्छे तरीके से चलाने के लिए बिना थके काम करते है। लेकिन यह एक दुर्भाग्य है की गर्मी की लहर से कार्यकर्ताओं और ब्लू-कॉलर नौकरियों के काम पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
ज्यादातर ब्लू-कॉलरनौकरी वाले कार्यकर्ता बाहर धूप मे सूरज की तेज गर्मी की लहरों को लंबे समय तक सहन करते है। यह गर्मी के लहर पानी की कमी और हीटस्ट्रोक का कारण बनेगी।जब ठीक से मैनेज न हो तो ऐसी स्थितियाँ जीवन के लिए एक खतरा साबित हो सकती हैं। इन कार्यकर्ताओं के लिए इस मुश्किल परिस्थिति मे यह सिर्फ एक शारीरिक परेशानी नहीं बल्कि एक मानसिक तनाव भी है और इससे इनके स्वास्थ को एक बड़ा नुकसान होगा।
यह गर्मी की लहर कार्यकर्ताओं की प्रोडक्टिविटी पर भी असर डालती है। इतनी तेज गर्मी मे काम करना थकावट का कारण बनेगा और कार्यकर्ताओं की काम और कर्तव्यों को पूरा करने की उनकी क्षमता भी कम होगी। और इस सब उनके काम मे उनके प्रोजेक्ट को पूरा करने मे देरी होगी और उनकी प्रोडक्टिविटी पर असर होगा।
ब्लू-कॉलर जॉब पर गर्मी की लहर का असर
गर्मी की लहर का ब्लू नौकरी वाले लोगों पर बहुत ज्यादा गंभीर असर हो सकता है। इतनी तेज गर्मी मे काम करने से पानी की कमी, थकान और मर्त्यू भी हो सकती है।इस तरह की गर्मी मे बिमारियाँ भी बिना किसी चेतावनी के अचानक हो सकती है इसलिए कर्मचारियों के लिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है।
गर्मियों मे बीमारी होने के लक्षण कुछ इस प्रकार होंगे जैसे की थकान होना, ज्यादा पसीना आना, शरीर मे दर्द होना, चक्कर आना आदि। अगर इन सब बातों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो यह हीट्स्ट्रोक होने का कारण बन जाएगा और दिल दिमाग और बहुत से शरीर के अंगों को नुकसान भी देगा।
अगर बात करे व्हाइट-कॉलर जॉब वाले लोगों की तो उनको काम के तनाव की आदत होती है, लेकिन ब्लू-कॉलर जॉब वाले कर्मचारी को गर्मी मे होने वाले तनाव का अनुभव करना होता है, और यह सब तब होता है जब गर्मी बहुत ज्यादा होती है।
ब्लू-कॉलर जॉब वाले कर्मचारियों की शिफ्ट काफी लंबी होती है जिससे उनको इतनी तेज गर्मी मे ज्यादा देर तक रहना होता है और इस वजह से हीट्स्ट्रोक भी होता है और इस तरह की बीमारी को समझना और सावधानी लेने की जरूरत होती है।
ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की सुरक्षा की शुरुआत
देश की सरकार को ब्लू-कॉलर वाले कर्मचारियों को इतनी ज्यादा चिलचिलाती गर्मी की लहरों से बचाने के लिए जरूरी सुविधाएं करनी चाहिए। ब्लू कॉलर जॉब की भर्ती के दौरान भी कर्मचारियों के लिए गर्मी की लहरों से बचने के लिए को सुरक्षा नहीं दी जाती है जिससे उनको गर्मी का सामना करना पड़ता है।
ज्यादातर कर्मचारियों का काम बाहर खुले आसमान मे ही होता है जहाँ कोई छाया भी नहीं होती है और ही किसी तरह की ठंडी हवा की सुविधा होती है जो की गर्मी को थोड़ा कम करदे। इसके अलावा उनके पास पानी तक नहीं होता जिससे की वह थोड़ा सा खुद को ठंडा महसूस करे और आराम कर सके।
उनको पानी, छाया और कुछ देर आराम करने का समय इन कर्मचारियों के स्वास्थ को अच्छा रखेगा और उनको सुरक्षा भी मिलेगी। कर्मचारियों को अपनी बचाव के लिए सुरक्षा वाले कपड़े भी पहनने चाहिए, और अगर थकावट होने लगे तो अन्य कर्मचारियों को ध्यान देना चाहिए, जरूरत के अनुसार कार्यवाई भी करनी चाहिए। अपने काम करने के समय को मैनेज करके भी गर्मी से बचा जा सकता है। दिन के सबसे ज्यादा गर्म समय मे काम करने से बच सकते हैं।
अंतिम शब्द
ब्लू-कॉलर जॉब बहुत ही ज्यादा चर्चा मे एक लोकप्रिय जॉब है क्योंकि उनके लिए यह एक सुरक्षित करियर का ऑप्शन हैं जो की हाथ की कलाकारी और उसके अनुभव को महत्व देते है। इस इंडस्ट्री के विस्तार से बढ़ने से अनुभवी कर्मचारियों की मांग बढ़ती जा रही है।
बैंगलोर, भारत का सबसे बड़ा टेक हबहै जो की ब्लू-कॉलर जॉब अच्छे पेमेंट और आराम के माहौल मे चौकीदार, रखरखाव, कार्यालय के लड़कोंजैसी बहुत सी जॉब देता है।
यह कहना गलत नहीं होगा की अगर आपको कुछ जरूरत की स्किल्स आती है तो ब्लू कॉलर नौकरी आपके लिए एक अच्छा जीवन जीने का अवसर है। अगर आप एक सुरक्षित और स्थाई करियर चाहते है तो आप ब्लू-कॉलर जॉब कर सकते है।