बैंगलोर एक संपन्न सिटी है यहां आपको हर चीज, आसानी से मिल जाती है फिर चाहे वो नौकरी हो या कोई अन्य चीज। यहां आपको अलग अलग प्रकार की नौकरियां मिल जायेंगी, लेकिन यहां काम करने वालो को उनके कॉलर के रंग के अनुसार जज किया जाता है। जैसे की ब्लू कॉलर, व्हाइट कॉलर, ग्रे कॉलर, और ग्रीन कॉलर लेकिन इनमें से व्हाइट और ब्लू कॉलर सबसे लोकप्रिय है।ब्लू कॉलर और व्हाइट कॉलर दोनो श्रेणियां बहुत मूल्यवान है, लेकिन फिर इसमें इतने अंतर क्यों है? क्या आप जानते है की इन दोनो कॉलर में क्या फर्क है, और यह क्या है? यदि नही तो इस ब्लॉग में आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी मिलेगी। व्हाइट और ब्लू कॉलर से जुड़ी जानकारी जानने के लिए इस ब्लॉग को पूर्व पढ़े।
ब्लू कॉलर जॉब से क्या मतलब है?
बैंगलोर में ब्लू कॉलर नौकरियां यह एक प्रकार का काम होता है, जिसमे शारीरिक श्रम है, इसका इस्तेमाल अक्सर औद्योगिक और निर्माण कार्य में किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह शारीरिक श्रम वाली नौकरी होती है, इसमें शारीरिक कौशल की जरूरत होती है। ब्लू कॉलर नौकरी के उधारण की बात करे तो इसमें श्रमिक, ट्रक चालने वाले, कारखानों में काम करने वाले व्यक्ति, चौकीदार, मजदूर, टायर बनाने वाले आदि शामिल है।
इन कर्मचारियों को दिहाड़ी के तौर पर पैसे दिए जाते है, इनके काम करने के घंटे निश्चित नही होते। साथ ही इन्हे मुश्किल परिस्थितियों में बिना किसी सुरक्षा के काम करना पड़ता है। इसके अलावा इनकी नौकरी की कोई सीमा नहीं होती किसी भी समय इन्हे नौकरी से हटाया जा सकता है।
व्हाइट कॉलर जॉब क्या होती है?
व्हाइट कॉलर नौकरियां वह नौरकिया होती है जो परमानेंट होती है, जैसे की सरकारी नौकरियां। इन नौकरियों को करने के लिए दिमागी कौशल का मजबूत होना जरूरी है। साथ ही इन नौकरियों को प्राप्त करने के लिए आपको जरूरी पढ़ाई भी करनी पड़ती है। व्हाइट कॉलर कर्मचारियों को काम करने के लिए अलग अलग केबिन या दफ्तर दिए जाते है। अगर व्हाइट कॉलर नौकरियां के एग्जांपल की बात करे तो इसमें वकील, मैनेजर, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, वित्तीय सलाहकार, काउंसलर, आदि शामिल हैं।
व्हाइट कॉलर नौकरियां शुरुवात से ही ब्लू कॉलर नौकरी से उच्च और उत्तम मानी जाती है। इसके लावा इसमें आपको ब्लू कॉलर से जायदा पढ़ने, लिखने की जरूरत पड़ती है, साथ ही आपको एग्जाम भी देना पड़ता है। इन कर्मचारियों को हर महीने सैलरी दी जाती है, साथ ही इनके काम करने के घंटे भी निश्चित होते है। इसके अलावा व्हाइट कॉलर कर्मचारियों को बिना उनकी मर्जी के नौकरी से नही हटाया जा सकता।
ब्लू कॉलर नौकरियों की कुछ विशेषताएं इस प्रकार है
ब्लू कॉलर नौकरी करने के लिए आप शारीरिक रूप से फिट होने चाहिए क्योंकि इसमें आपको दिमाग के साथ साथ शारीरिक कौशल की जरूरत होती है। कुछ ब्लू कॉलर नौकरियां ऐसी भी है जिसमे आपसे प्रमाण और परिक्षण करवाया जाता है।
इस नौकरी के लिए आपका शरीर लचीला होना बेहद जरूरी है, इसके अलावा आपसे किसी भी समय काम करवाया जा सकता है। सबसे बड़ी बात कभी कभी ब्लू कॉलर कर्मचारियों को बेहद ठंड के मौसम या उच्च गर्मी में भी काम करना पड़ जाता है।
भले ब्लू कॉलर नौकरी में कितनी ही चुनौती क्यों न हो यह हमारे लिए बहुत जरूरी है। हर ब्लू कॉलर कर्मचारि हर स्तिथि में काम करता है, और बात के लिए हम उन्पर गर्व करते है।
वाइट कॉलर नौकरियों की कुछ विशेषताएं इस प्रकार है
व्हाइट कॉलर नौकरियों के लिए, आपको कई प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है, शारीरिक भी और मानसिक भी। जो भी व्यक्ति इस सेक्टर में काम करता है उनकी सोचने और समझने की शक्ति मजबूत होनी चाहिए, यह जटिल समस्याओं और काम को सही करने में मदद करता है। इसके अलावा वाइट कलर नौकरी और प्राप्त करने के लिए आपके पास डिग्री और ज्ञान होना बहुत जरूरी है। भले ही व्हाइट कॉलर नौकरी में कितनी भी समस्याएं क्यों न हो यह नौकरी आपको अच्छी लाइफ और कैरियर में आगे बढ़ने का विशेष अवसर प्रदान करती है।
ब्लू कॉलर नौकरी के लाभ और हानिया क्या है?
फायदे | नुकसान |
ब्लू कॉलर नौकरी का सबसे बड़ा फायदा यह है की आप जब मन चाहे काम को छोड़ सकते है। | आपको शारीरिक थकावट का सामना करना पड़ सकता है। |
यहां आपको एक अच्छा टीम वर्क मिलता है। | आपकी जान का खतरा हमेशा बना रहता है। |
ब्लू कॉलर नौकरियां हर श्रमिक को स्वास्थ्य बीमा योजनाएं प्रदान करते है। इसके अलावा इन्हे समय समय पर अवकाश दिए जाते है। | आपके काम करने के घंटे निश्चित नही है। |
व्हाइट कॉलर नौकरी के लाभ और हानिया क्या है?
लाभ | हानिया |
आपको एक अच्छे और साफ माहौल में काम करने का मौका मिलता है। | नई चीजों को समझने के लिए आपको बहुत जायदा मानसिक कौशल की जरूरत पड़ेगी। |
आपको अच्छी सैलरी और आने वाले समय में अच्छे करियर की संभावनाएं बढ़ती है। | व्हाइट कॉलर नौकरियों के काम करने के घंटे लंबे होते है, साथ ही आपको बिना आपकी मर्जी के काम से यात्रा पर भी भेजा जा सकता है। |
समय समय आपको छुट्टी दी जाती है, और पूरी सेफेल्ट दी जाती है। | बाजार में आर्थिक मंदी आने पर आपको सैलरी मिलने में देरी, भी हो सकती है। |
निष्कर्ष
ब्लू कॉलर और व्हाइट कॉलर नौकरियां श्रमिको बेरोजगार होने से बचाती है, दोनो ही बेहद जरूरी है। बस इन दोनो में कुछ भिन्नताएं है, दोनो में चुनौतियां है सबके अलग अलग लाभ और हानिया है। बस फर्क है उतना है की ब्लू कॉलर में आपको शारीरिक कौशल की जरूरत होती है। जबकि व्हाइट कॉलर में आपको मानसिक कौशल की बहुत जरूरत होती है। तो यह थे इन दोनो कॉलर के बीच में कुछ अंतर उम्मीद है अब आप इसके बारे में अच्छे से समझ चुके होंगे।
चाहे आप ब्लू कॉलर नौकरी कर रहे हो या वाइट कॉलर नौकरी कर रहे हो, आपको अपने काम पर गर्वित महसूस करना चाहिए। यह दोनो ही हमारे जीवन और देश के लिए बहुत जरूरी है। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करे।